गुरु पूर्णिमा का यह पावन अवसर हमें हमारे जीवन के महान गुरुओं, परमात्मा शिव और प्रजापिता ब्रह्मा, को स्मरण करने और उनका धन्यवाद करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। इन दोनों महान विभूतियों ने हमारे जीवन को अंधकार से उजाले की ओर अग्रसर किया है, और हमें सच्ची राह दिखाई है।
परमात्मा शिव: सर्वोच्च आत्मा के रूप में हमारे मार्गदर्शक
परमात्मा शिव, जो शाश्वत और सर्वज्ञानी हैं, निराकार होने के कारण स्वयं साक्षात् प्रकट नहीं होते। इसीलिए, वे प्रजापिता ब्रह्मा का साकार शरीर धारण करते हैं और उनके माध्यम से हमें ज्ञान प्रदान करते हैं। उनके द्वारा दिए गए राजयोग और ज्ञान ने हमें आत्मा की पहचान कराई और यह सिखाया कि हम वास्तव में शरीर नहीं, बल्कि आत्मा हैं। शिव के ज्ञान ने हमें यह समझाया कि हम सभी एक दिव्य परिवार के सदस्य हैं और हमारा उद्देश्य इस संसार में शांति, प्रेम, और सद्भावना फैलाना है।
प्रजापिता ब्रह्मा: शिव का साकार माध्यम
प्रजापिता ब्रह्मा, जो कि शिव का साकार माध्यम हैं, ने हमें शिव के ज्ञान से अवगत कराया और उस ज्ञान को हमारे जीवन में व्यावहारिक रूप से लागू करने की प्रेरणा दी। उनके माध्यम से, हम आत्म-साक्षात्कार और स्व-परिवर्तन की राह पर अग्रसर हुए। ब्रह्मा बाबा ने हमें दिखाया कि किस प्रकार हम अपनी आत्मा की शुद्धता और दिव्यता को पुनः प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को एक उच्च उद्देश्य के लिए समर्पित कर सकते हैं।
अंधकार से उजाले की ओर:
हमारे गुरुओं ने हमें यह समझाया कि हम मोह माया के घोर दलदल में फंसे हुए थे, और सच्ची शांति कहीं और है। ब्रह्मा बाबा के माध्यम से, हमने आत्मा और परमात्मा, स्वर्ग और नर्क आदि का ज्ञान प्राप्त किया। इस ज्ञान ने हमें यह एहसास कराया कि हमें सच्ची शांति और आनंद की प्राप्ति के लिए अपनी आत्मा को शुद्ध करना होगा
गुरु पूर्णिमा के इस पवित्र अवसर पर, हम अपने दोनों गुरुओं का हृदय से धन्यवाद करते हैं:
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः॥
“`हमारे जीवन के ये महान गुरु हमें अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले गए, हमें आत्म-साक्षात्कार और आत्म-परिवर्तन की दिशा में प्रेरित किया, और हमें एक दिव्य जीवन जीने की शिक्षा दी। गुरु पूर्णिमा के इस पावन पर्व पर, हम उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करने का संकल्प लेते हैं।
परमात्मा शिव और प्रजापिता ब्रह्मा की महान शिक्षाओं के प्रति हमारी श्रद्धा और नमन, हमें सदैव उनकी राह पर चलने और अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए प्रेरित करते रहेंगे। इन गुरुओं के आशीर्वाद से हम सब अज्ञान के अंधकार से बाहर निकलकर ज्ञान के उजाले में अपना मार्ग प्रशस्त करें।

