शिव बाबा ईश्वरीय विश्व विद्यालय न केवल आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रचार-प्रसार करता है, बल्कि पशु एवं गौ सेवा और संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारे संस्था का मानना है कि इन बेज़ुबान जीवों की सेवा करके हम न केवल उनका जीवन सुरक्षित और सुखद बना सकते हैं, बल्कि स्वयं भी पुण्य के भागी बन सकते हैं।
पशु एवं गौ सेवा और संरक्षण
हमारी संस्था पशु और गायों की देखभाल में विशेष रूप से ध्यान देती है। हमारे द्वारा किए जा रहे कार्यों में शामिल हैं:
- गौशालाओं का संचालन: हमारे विभिन्न केंद्रों में गौशालाओं का संचालन किया जाता है जहां गायों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान किया जाता है।
- स्वास्थ्य सेवा: पशुओं के स्वास्थ्य की नियमित जाँच और उपचार की व्यवस्था की जाती है।
- खाद्य आपूर्ति: पौष्टिक और संतुलित आहार की व्यवस्था की जाती है ताकि पशुओं का शारीरिक और मानसिक विकास सही तरीके से हो सके।
- शरण और सुरक्षा: आवारा और बेसहारा पशुओं को शरण और सुरक्षा प्रदान की जाती है।
शाकाहार अपनाने का महत्व
हमारा मानना है कि शाकाहार केवल स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि पर्यावरण और जीवों की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। शाकाहार अपनाने के निम्नलिखित लाभ हैं:
- स्वास्थ्य लाभ: शाकाहार सेहतमंद जीवनशैली को प्रोत्साहित करता है और कई बीमारियों से बचाव में मदद करता है।
- पारिस्थितिकी संतुलन: शाकाहार अपनाने से पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, क्योंकि पशुधन पालन से उत्पन्न ग्रीनहाउस गैसों का उत्पादन कम होता है।
- करुणा और अहिंसा: शाकाहार अपनाने से जीवों के प्रति करुणा और अहिंसा का भाव विकसित होता है।
हमारी संस्था लोगों को शाकाहार अपनाने के लिए प्रेरित करती है और इसके महत्व को समझाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और कार्यशालाओं का आयोजन करती है। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएं और शाकाहार को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं, ताकि हम एक स्वस्थ, शांतिपूर्ण और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकें।
हमारा उद्देश्य है कि हर व्यक्ति अपने जीवन में पशु सेवा और शाकाहार को अपनाकर पुण्य के भागी बने और एक बेहतर विश्व का निर्माण करें।